महाभारत की लड़ाई में गांधारी के 100 पुत्रों की मृत्यु हो गई थी. जब श्री कृष्ण गांधारी के पास पहुंचे तो दुखी गांधारी ने उन्हें श्राप दिया कि 36 सालों में वो मारे जाएंगे और उन्हीं के साथ यदु वंश का विनाश हो जाएगा. श्री कृष्ण ये जानते थे कि यदु वंश अब लोभ और मोह में आ गया है. इसलिए उन्होंने सिर्फ तथाअस्तु कहा. दूसरा श्राप मिला था ऋषि दुर्वासा से. दुर्वासा ऋषि ने अपने कृष्ण को अपने पूरे शरीर में खीर लगाने को कहा था. कृष्ण ने ऐसा ही किया सिर्फ उनके पैरों को छोड़ दिया. इससे खफा होकर दुर्वासा ने श्राप दिया कि कृष्ण अपने पैर की वजह से मरेंगे.
एक समय जब श्रीकृष्ण समाधी में थे तब एक शिकारी जारा ने कृष्ण के पैर को कोई जानवर समझ लिया और उनपर तीर चला दिया.