भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश

यदि आपको जीवन के सार को समझना है तो आप श्रीमद्भगवद्गीता को पढ़ सकते है श्रीमद्भगवद्गीता एक ऐसा ग्रन्थ है जिसमे जीवन के शुरुआत से लेकर अंत समय तक का रहस्य समझाया गया है जिसमे सम्पूर्ण जगत को एक मोहमाया माना गया है जिसमे अगर इन्सान एकबार फंस जाता है तो इस संसार चक्र से निकलना बहुत ही मुश्किल हो जाता है


इसी मोहमाया में फसकर जब महाभारत युद्ध के शुरू होने के दौरान अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण के सामने अपने हथियार रख दिए और अपने परिजनों से ही युद्ध लड़ने से मना कर दिया तो इसपर भगवान  ने अर्जुन को इस संसार की मोहमाया को समझाते हुए उपदेश दिया जिसे सुनकर अर्जुन की सारी मोहमाया दूर हो गया और फिर अर्जुन युद्ध लड़ने के लिए तैयार हुए


तो भगवान श्रीकृष्ण ने जो अर्जुन को उपदेश दिया उसे ही श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेश कहे गये जो की यह अनमोल वचन भगवान  के मुख से निकला था जो की पूरे संसार के लिए जीवन जीने का मार्ग दिखाते है


जो हो गया वह भी अच्छा ही हुआ


जो हो रहा है वह भी अच्छा ही हो रहा है


और जो होगा वह भी अच्छा ही होगा


इसके चलते तुम भूत का पश्चाताप ना करो


भविष्य की चिंता ना करो


और वर्तमान तो चल रहा है