वचन
धरती पर महापापी कंस के अत्याचारों से लोगों को मुक्ति दिलवाने के लिए जन्में भगवान श्री कृष्ण ने न सिर्फ इस संसार को आपस में प्रेम करना सिखाया बल्कि कई ऐसे प्रेरणादायक और अनमोल सीख भी दी, जिनको अगर हम सभी अपने जीवन में उतार लें तो निश्चय ही एक सफल और श्रेष्ठ जिंदगी जी सकते हैं। इसके साथ ही श्री कृष्ण…
भगवान श्री कृष्ण के अनमोल वचन
1. शांति से भी दुखों का अंत हो जाता है और शांत चित्त मनुष्य की बुद्धि शीघ्र ही स्थिर होकर परमात्मा से युक्त हो जाती है। 2. क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ में डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा ना पैदा होती है, न मरती है । 3. हर काम का फल मिलता है-' इस जीवन में ना कुछ खोता है न…
श्लोक
वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् । देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥   भावार्थ : कंस और चाणूर का वध करनेवाले, देवकी के आनन्दवर्द्धन, वसुदेवनन्दन जगद्गुरु श्रीक़ृष्ण चन्द्र की मैं वन्दना करता हूँ । वृन्दावनेश्वरी राधा कृष्णो वृन्दावनेश्वरः। जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम ॥   भावार्थ : श्री…
क्यों कृष्ण हो गए अपनी ही सेना के खिलाफ...
महाभारत के युद्ध से पहले दुर्योधन और अर्जुन दोनों ही कृष्ण के पास मदद मांगने गए थे. जब दोनों पहुंचे तो कृष्ण सो रहे थे. कृष्ण के सिर के पास दुर्योधन खड़े हो गए और पैरों के पास हाथ जोड़कर अर्जुन. जब कृष्ण की नींद खुली तो उन्होंने अर्जुन को देखा और उसका साथ देने की बात कही. दुर्योधन इसपर खफा हो गए और…
श्राप के कारण हुई थी कृष्ण की मृत्यु...
महाभारत की लड़ाई में गांधारी के 100 पुत्रों की मृत्यु हो गई थी. जब श्री कृष्ण गांधारी के पास पहुंचे तो दुखी गांधारी ने उन्हें श्राप दिया कि 36 सालों में वो मारे जाएंगे और उन्हीं के साथ यदु वंश का विनाश हो जाएगा. श्री कृष्ण ये जानते थे कि यदु वंश अब लोभ और मोह में आ गया है. इसलिए उन्होंने सिर्फ तथाअ…
जब महाभारत में कृष्ण ने तोड़ा था अपना वचन...
किसी दोस्त को कहते सुना था कि श्री कृष्ण ने तो महाभारत की लड़ाई में कोई अस्त्र या शस्त्र उठाया ही नहीं. उन्होंने सिर्फ अर्जुन के सारथी बनने की बात स्वीकारी थी और पूरे युद्ध में अपने उपदेश दिए थे, लेकिन क्या ये वाकई सही है? इस बात के पीछे दो तर्क दिए जाते हैं. सबकी शुरुआत तब होती है जब दुर्योधन भीष्…